लेखक:
पी. लता
शिक्षा : एम्.ए. (हिंदी), एम्.ए. (मलयालम), एम्.फिल (हिंदी), पी-एच.डी. (हिंदी) ! पूर्व प्रोफेसर और अध्यक्षा, हिंदी विभाग, सरकारी महिला महाविद्यालय, तिरुवनंतपुरम ! रचना-संसार : विविध हिंदी पत्रिकाओं में शोध लेख, कहानियां (मौलिक और अनुदित), कविताएँ (मौलिक और अनुदित) प्रकाशित ! केरल के प्रथम हिंदी पत्रकार जी. नील्कथान नायर की अप्रकाशित आत्मकथा ‘यान जी. एन.’ (मलयालम) का हिंदी अनुवाद ‘मैं जी.एन.’ नाम से ‘सग्रथान’ पत्रिका में धारावाहिक प्रकाशित ! प्रकाशित पुस्तकें : प्रयोजनमूलक हिंदी, हिंदी भाषा के विविध रूप, केरल की हिंदी पत्रकारिता का इतिहास, व्यावहारिक अनुवाद (सहलेखन), नव संकलन (सहलेखन), अभिनव संकलन (सहलेखन), हिंदी-मलयालम तुलनात्मक अध्ययन (सहलेखन) ! पुरस्कार व सम्मान : ‘केरल हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान’, ‘समग्र हिंदी सेवा पुरस्कार’, ‘राष्ट्रीय हिंदी साहित्य सम्मलेन’, तिरुवनंतपुरम का पुरस्कार, ‘आन्ध्र प्रदेश पत्रकार संघ’, हैदराबाद का पुरस्कार, ‘केरल हिंदी प्रचार सभा’, तिरुवनंतपुरम की ओर से सम्मान आदि ! |
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केरल के हिन्दी साहित्य का इतिहासपी. लता
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प्रयोजनमूलक हिन्दीपी. लता
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2 पुस्तकें हैं|